निकट दृष्टि (Myopia)
इससे प्रभावित व्यक्ति पास की वस्तुओं को देख सकता है लेकिन दूर की वस्तुओं को देखने में असमर्थ होता है । यह तब होता है जब नेत्रगोलक आंख की कॉर्निया और लेंस की केंद्रित शक्ति के सापेक्ष अधिक लंबा होता है । इस कारण प्रकाश की किरणें रेटिना की सतह पर केंद्रित होने के बजाय रेटिना के सामने एक बिंदु पर केंद्रित होती है । इस विकार को अवतल लेंस का उपयोग करके ठीक किया जाता है ।
दीर्घदृष्टि (Hypermetropia)
इससे प्रभावित व्यक्ति दूर की वस्तुओं को देख सकता है लेकिन पास की वस्तुओं को देखने में असमर्थ होता है। इसे उत्तल लेंस का उपयोग करके ठीक किया जाता है। मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया दोनों आंख की अपवर्तक त्रुटियों के प्रकार हैं ।
मंददृष्टि (Amblyopia)
इस विकार को आलसी आँख भी कहा जाता है । इसमे एक आँख से ठीक से देखने की क्षमता घट जाती है । हालाँकि प्रभावित आँख सामान्य दिखती है, इसका उपयोग सामान्य रूप से नहीं होता है क्योंकि मस्तिष्क दूसरी आँख का पक्ष ले रहा होता है । एम्बीलोपिया के कारणों में से एक स्ट्रैबिस्मस हो सकता है।
्रेसबायोपिया (Presbyopia)
प्रेस्बायोपिया एक उम्र से संबंधित नेत्र विकार है जिसमें आंख प्राकृतिक लेंस के सख्त होने के कारण प्रकाश को सीधे रेटिना पर केंद्रित नहीं कर पाती है। सख्त लेंस प्रकाश को रेटिना के पीछे केंद्रित करता है, जिसके कारण नजदीक की वस्तुएं ठीक से दिखाई नही देती ।
ग्लोकोमा (Glaucoma)
कुछ नेत्र विकारों में ऑप्टिक तंत्रिका, जो आंख से मस्तिष्क तक जानकारी पहुंचाते हैं, को नुकसान पहुँचाते हैं । ऐसे सभी विकारों का नाम ग्लोकोमा है । ग्लूकोमा में आमतौर पर शुरुआती लक्षण नहीं होते हैं । इस विकार का कोई इलाज नहीं है और खोए हुए दृष्टि को पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता ।
पूर्ण वर्णान्धता (Achromatopsia)
इसे कलर ब्लाइंडनेस या कलर विजन डेफिसिएंसी (CVD) के रूप में भी जाना जाता है । इसमें रंग या रंग में अंतर देखने की क्षमता कम हो जाती है । यह विकार आनुवंशिक है और इसके लिए जिम्मेदार जीन एक्स गुणसूत्र (X chromosome) पर होता हैं। अत: इसलिए महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह विकार होने की संभावना अधिक होती है। इस विकार का निदान इशिहारा रंग परीक्षण द्वारा किया जाता है । अन्य प्रकार के वर्णान्धता - Protanopia जिसमें लाल रंग दिखाई नही देता, Deuteranopia जिसमें हरा रंग दिखाई नही देता, Tritanopia जिसमें नीला रंग दिखाई नही देता ।
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद में आंख के प्राकृतिक लेंस (जो परितारिका और पुतली के पीछे होता है) पर बादल छा जाता है । यह लेंस में मौजूद प्रोटीन के आपस में चिपकने की वजह होता है । इसका इलाज सर्जरी द्वारा प्राकृतिक लेंस की जगह एक कृत्रिम लेंस लगाकर किया जाता है ।
तिर्यकदृष्टि (बहंगापन)
एक ऐसा विकार जिसमें दोनों आंखें एक ही दिशा में नहीं चलती हैं, इसलिए वे एक ही समय में एक ही वस्तु को नहीं देखती हैं।यह स्थिति आंख को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों एक साथ काम न करने के कारण होती है।
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