भारत की भाषाएं

भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की संख्या है 22
1950 में भारतीय संविधान की स्थापना के समय में, मान्यता प्राप्त भाषाओं की संख्या थी 14
आठवीं अनुसूची में तदोपरांत जोड़ी गई भाषाएँ सिंधी, कोंकणी, नेपाली, मणिपुरी, मैथिली, डोगरी, बोडो और संथाली.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की 2011 की रिपोर्ट के अनुसार पहचान योग्य मातृ भाषाओं की संख्या234
शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली पहली भाषा तमिल
शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली अन्य भाषाएँ संस्कृत, कन्नड़, मलयालम, तेलुगू और उड़िया
नागालैंड की राजभाषा है अंग्रेज़ी
जम्मू और कश्मीर की राजभाषा उर्दू
गोवा की राजभाषा कोंकणी
भारत के संविधान द्वारा निर्धारित सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की राजभाषा अंग्रेज़ी
लक्षद्वीप की प्रमुख भाषाएं जेसरी (द्वीप भाषा) और महल
सामान्यतः पुडुचेरी (पूर्व में पांडिचेरी) में बोली जाने वाली विदेशी भाषा फ्रेंच
'पूर्व की इतालवी' कही जाने वाली भारतीय भाषा तेलुगु
भारत का एकमात्र राज्य जहाँ संस्कृत राजभाषा मे रूप में मान्य है उत्तराखण्ड
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख भाषाएं हिंदी, निकोबारी, बंगाली, तमिल, मलयालम और तेलुगू.
अंग्रेजी मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची में नहीं है

भाषा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित संस्थान

संस्था स्थान
भारतीय भाषा संस्थान मैसूर, कर्नाटक
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र
अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली
राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरूपति
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद
केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान चेन्नई

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भाषाओं पर प्रश्नोत्तरी


1. शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली पहली भाषा कौन सी थी?





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