स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण स्थान

1. चौरी चौरा

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास स्थित जगह जहाँ पर एक हिंसात्मक भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी जिससे चौकी के अंदर फँसे 23 लोगों की मृत्यु हो गई । 1920 मे गांधी जी ने असहयोग आंदोलन आह्वान किया था । गांधीजी को इस घटना से गहरा आघात पहुँचा और उन्होने इस आंदोलन के समाप्ती की घोषना कर दी । यह घटना पर 4 फ़रवरी 1922 की है ।


2. काकोरी

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में स्थित जगह जहाँ पर प्रसिद्ध काकोरी ट्रेन डकैती 9 अगस्त 1925 को घटित हुई । राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक़ुल्ला खान, चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश सरकार के पैसे ले जाने वाली एक ट्रेन को रोका और लूट लिया ।


3. चटगांव

बांग्लादेश में स्थित यह जगह चटगांव शस्त्रागार छापे के लिये मशहूर है । छापे का नेतृत्व क्रांतिकारी सूर्य सेन ने किया था । सूर्य सेन ने युवा क्रांतिकारियों के एक समूह का आयोजन किया और इस समूह ने चटगांव में पुलिस शस्त्रागार की घेराबंदी की योजना बनाई । 18 अप्रैल 1930 को सूर्य सेन ने अपने दल के साथ पुलिस के शस्त्रागार पर कब्जा कर लिया, टेलीग्राफ लाइनें काट दी और राष्ट्रीय ध्वज फहराया ।


4. चंपारण

बिहार में स्थित इस जगह से 1917 में गांधीजी ने भारत की राजनीति में अपनी सक्रिय भागीदारी शुरू की थी । यहाँ पर किसानों को अलाभकारी नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जा रहा था । कुछ कार्यकर्ताओं ने गांधीजी से किसानो की समस्या को हल करने का आह्वान किया था । गांधीजी ने पहली बार अहिंसा का इस्तेमाल किया । उन्होंने यहाँ के गांवों का दौरा किया और 1918 में चंपारण कृषि कानून पारित करने के लिए सरकार को मजबूर किया ।


5. दांडी

गुजरात में खंभात की खाड़ी , अरब सागर के तट पर एक छोटा सा गांव । 12 मार्च 1930 को गांधीजी के नेतृत्व में विश्व प्रसिद्ध दांडी पदयात्रा साबरमती आश्रम , अहमदाबाद से आरम्भ हुई । 24 वें दिन, यानि 06 अप्रैल 1930 को गांधीजी दांडी पहुँचे और अंग्रेजों द्वारा नमक पर लगाए गए टैक्स के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के रूप में नमक बनाया । इस घटना से नागरिक अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत भी हुई । हाल ही में टाइम पत्रिका ने शीर्ष के 10 सबसे प्रभावशाली विरोध प्रदर्शन की अपनी सूची में नमक सत्याग्रह को सूचीबद्ध किया ।



6. पोर्ट ब्लेयर

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की वर्तमान राजधानी पोर्ट ब्लेयर ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । सबसे पहले, ब्रिटिश ने विशाल सेलुलर जेल का निर्माण किया । भारतीय कैदियों को, विशेष रूप से राजनीतिक कैदियों को इस जेल में रखा जाता था और यह सजा काला पानी के नाम से जानी जाती थी । बंदी जीवन के लेखक सचिंद्रनाथ सान्याल और विनायक दामोदर सावरकर दोनों ने सेलुलर जेल में सज़ा काटी थी । दूसरा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यहाँ पर 30 दिसम्बर 1943 को राष्ट्रीय ध्वज फहराया और इसे भारत की अस्थायी सरकार का मुख्यालय घोषित किया था । पोर्ट ब्लेयर में हवाई अड्डे का नाम वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है ।


7. बारडोली

1925 में गुजरात के बारडोली तालुका बाढ़ और अकाल से पीड़ित हुआ और किसानों को असमान्य वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा । इसके बावजूद सरकार ने करों की दर में 30% की वृद्धी कर दी । किसानों के विरोध का सरकार पर कोई असर नही हुआ । सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बारडोली सत्याग्रह का आयोजन किया जिसके तहत किसानों ने संपत्ति जब्ती के खतरे के बावजूद करों का भुगतान करने से इनकार कर दिया । अंत में सरकार ने बढ़ाए करों को वापस ले लिया । वल्लभभाई पटेल को इस सत्याग्रह से सरदार का खिताब प्राप्त हुआ ।


8. अमृतसर

अमृतसर का जलियांवाला बाग , निर्दोष और शांतिपूर्ण सभा के लिए एकत्र हुए लोगों के नरसंहार के लिए जाना जाता है । 13 अप्रैल 1919 (बैसाखी के दिन) को 20,000 लोगों की एक भीड़ इस छोटे से पार्क में एकत्र हुई थी कि ब्रिगेडियर जनरल डायर ने आसपास के सैनिकों को गोली चलाने का आदेश दिया । सरकारी आंकड़ों के हिसाब से भी 379 लोग इस गोलीबारी में हताहत हुए थे, लेकिन अनौपचारिक आंकड़े इस संख्या को बहुत अधिक बताते हैं । माइकल ओ’डायर तत्कालीन पंजाब के उपराज्यपाल की 21 साल बाद उधम सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी । घटना के विरोध में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1915 में अंग्रेजों द्वारा दी गई नाइट की पदवी त्याग दी थी ।


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1. नील किसानों के संघर्ष से जुड़ा स्थान


2. चटगांव शस्त्रागार छापे किसके नेत्रत्व में किए गए थे?


3. दांडी याता कहाँ से प्रारंभ हुई थी?


4. जलियांवाला बाग की घटना कब हुई थी?


5. चौरी चौरा की घटना से कौन से आंदोलन का अंत हुआ?


6. वल्लभभाई पटेल को सरदार का खिताब किस आंदोलन से प्राप्त हुआ?




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