भारत के प्रमुख क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी - II
खुदीराम बोस
- वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे कम उम्र के क्रांतिकारियों में से एक थे । इनकी 18 साल की उम्र में मृत्यु हो गई थी।
- अंग्रेजों द्वारा बंगाल विभाजन के विरोध के दौरान वे राष्ट्रवादी आंदोलन में शामिल हुए थे ।
- वह क्रांतिकारी कार्यकर्ताओं की पार्टी जुगंतर के सदस्य थे।
- उन्हें और प्रफुल्ल चाकी को पार्टी द्वारा मुख्य प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड की हत्या के लिए चुना गया था जो स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ क्रूर और कठोर निर्णय लेने के लिए जाने जाते थे ।
- परंतु, वे सफल नहीं हुए और बैरिस्टर कैनेडी के परिवार की हत्या कर दी ।
- खुदीराम को बम हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 11 अगस्त, 1908 को फांसी की सजा दी गई थी।
सूर्य सेन
- वे 1930 में चटगांव शस्त्रागार कांड के लिए प्रसिद्ध है।
- उन्होंने चटगांव शस्त्रागार में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक अनंतिम क्रांतिकारी सरकार की घोषणा की।
- उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया 02 जनवरी 1934 को फांसी दे दी ।
लाला हरदयाल
- 1913 में अमेरिका में ग़दर पार्टी की स्थापना के लिए प्रसिद्ध ।
- ग़दर पार्टी ग़दर षडयंत्र के लिए प्रसिद्ध है जिसके तहत प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू करने के लिए भारतीय सैनिकों को उकसाया गया था। हालांकि इस योजना को अंग्रेजों ने नाकाम कर दिया था।
- उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए आईसीएस की नौकरी ठुकरा दी थी ।
- वे मैडम भीकाजी कामा और वीर सावरकर के साथ जुड़े थे ।
उधम सिंह
- जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए मार्च 1940 में माइकल ओ'डायर की हत्या के लिए ।
- उधम सिंह ने भारत में तीन धर्मों की एकता के प्रतीक स्वरूप अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था।
- उधम सिंह अमेरिका में ग़दर पार्टी के सक्रिय सदस्य थे ।
- उन्हें 31 जुलाई 1940 को लंदन के पेंटोनविले जेल में फांसी दी गई थी ।
मदन लाल ढींगरा
- लंदन में 01 जुलाई 1909 को सर विलियम हट कर्जन वायली की हत्या के लिए ।
- वे विनायक सावरकर के अनुयायी थे ।
- उन्हें 17 अगस्त 1909 को लंदन में फाँसी दी गई ।
मैडम भीकाजी कामा
- स्टटगार्ट (जर्मनी) में 1907 के अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन के दौरान पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रसिद्ध ।
- स्टटगार्ट के बाद, मैडम कामा संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं और "संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की पहली सांस्कृतिक प्रतिनिधि" के रूप में जानी गईं ।
- उन्होंने क्रांतिकारी पत्रिकाएं वंदे मातरम और मदनज़ तलवार प्रकाशित की, जिन्हे अंग्रेजों ने प्रतिबंधित कर दिया था ।
- उन्होने भारतवासियों का आह्वान किया कि - ‘‘आगे बढ़ो, हम हिन्दुस्तानी हैं और हिन्दुस्तान हिन्दुस्तानियों का है!"
- 1905 में उन्होंने पेरिस में पेरिस इंडियन सोसाइटी की भी सह-स्थापना की ।
- उन्होंने दादाभाई नौरोजी के निजी सचिव के रूप में भी काम किया ।
राश बिहारी बोस
- 1912 में दिल्ली में लॉर्ड हार्डिंग की हत्या की कोशिश के लिए प्रसिद्ध ।
- उन्होंने 1 सितंबर 1942 को कप्तान मोहन सिंह और सरदार प्रीतम सिंह की मदद से इंडियन नेशनल आर्मी का गठन किया ।
- राश बिहारी अमेरिका में ग़दर षड्यंत्र के सक्रिय सदस्य थे।
जतिन दास
- जतीन्द्रनाथ दास अपने 63 दिनों तक चलने वाले आमरण अनशन के लिए जाने जाते हैं ।
- उनका अनशन कैदियों और अंडर-ट्रायल की खराब स्थिति के खिलाफ था। 13 सितंबर 1929 को उनका निधन हो गया ।
- वे बंगाल एक क्रांतिकारी संगठन, अनुशीलन समिति के सदस्य थे ।
- वे भगत सिंह के लिए बम बनाने के लिए सहमत हो गए थे और 1929 में उन्हे क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था ।
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